7 अगस्त को अधिकमास का पांचवां सोमवार, 21 को नागपंचमी और 30 को रक्षाबंधन
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द्वितीय शुद्ध श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि, सोमवार के दिन चित्रा नक्षत्र शुभ योग, बव करण व कन्या राशि के चंद्रमा की साक्षी में 21 अगस्त सोमवार को आ रही है। इस बार अधिकमास होने के कारण सावन का महीना दो महीने का है। इसके कारण नागपंचमी सहित सभी विशेष त्योहार अगस्त में पड़ रहे हैं।
पंडित जी ने बताया वर्ष भर में आने वाली यह पंचमी नाग पंचमी के नाम से जानी जाती है। इस दिन कुल परंपरा के अनुसार तथा लोक परंपरा के अनुसार नाग देवता की पूजन की मान्यता है इस दिन नाग देवता के पूजन करने से अरिष्ट और अनिष्ट की निवृत्ति होती है ऐसा शास्त्र कहते हैं।
सूर्य और बुध की युति में फलदायी रहेंगे त्योहार
पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि ग्रह गोचर की गणना के अनुसार देखे तो 21 अगस्त सोमवार के दिन सूर्य व बुध सिंह राशि में उपस्थित रहेंगे। सिंह राशि के अधिपति स्वयं सूर्य हैं और वह बुध के मित्र है सूर्य व बुध की युति जब साथ में रहती है तो बुधादित्य योग का निर्माण करती है बुधादित्य योग में आने वाला पर्व अथवा त्योहार विशेष इसलिए भी हो जाता है कि कर्म की साक्षी के प्रधान देवता व प्रकट देवता भगवान सूर्यनारायण है इनकी साक्षी में कोई भी पर्व विशेष फल प्रदाता माना गया है साथ ही बुध कार्य की सिद्धि व सफलता को देने वाला है संयोग से नाग की पूजन के लिए बुध का अनुकूल होना नाग पूजन के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
– महादेव व नाग की पूजा नागपंचमी पर होगी
पंडित आलोक उपाध्याय ने बताया कि एक अगस्त को पुरुषोत्तम मास की पूर्णिमा के बाद से सनातन धर्म के त्योहारों की श्रंखला शुरू हो गई है, जो कार्तिक माह तक चलेगी। अगस्त में सावन का मुख्य पर्व हरियाली तीज पड़ेगा। इसके बाद नागपंचमी पर भोलेनाथ व उनके नाग की पूजा होगी। अगस्त के अंत में भाई-बहन के अमर प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन मनाया जाएगा। सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला पर्व हरियाली तीज 19 अगस्त को पडेगा। यह विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान देने वाला यह पर्व है। पूजा का सुबह का मुहूर्त 7:47 बजे से 9:22 बजे तक है। पूजा का शाम का मुहूर्त 6:52 बजे से 7:45 बजे तक है। इस दौरान पूजन करना अधिक फलदायी होगी।
सात को पांचवां सोमवार, 30 को रक्षाबंधन
सात को श्रावण अधिक मास का पांचवा सोमवार, महाकाल सवारी, पंचक समाप्त। आठ को श्रावण अधिक मास का चौथा मंगला गौरी व्रत, अधिक कालाष्टमी। 12 को परम एकादशी, 15 को स्वतंत्रता दिवस, सातवां मंगला गौरी व्रत। 16 को अधिकमास अमावस्या, अधिकमास समाप्त। 18 को मलयालम नव वर्ष। 19 को हरियाली तीज, 20 को सावन विनायक चतुर्थी, 21 को नाग पंचमी, 22 को आठवां मंगला गौरी व्रत, कल्कि जयंती। 23 को तुलसीदास जयंती, 27 को सावन पुत्रदा एकादशी, 29 को ओणम, नवां मंगला गौरी व्रत और 30 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा।